प्रेस विज्ञप्ति
एम.एस.एफ. ने बिहार में अपना मेडिकल प्रोग्राम राज्य प्राधिकारियों को सौंपा
एम.एस.एफ. की ओर से बिहार के कुपोषित बच्चों के लिए अधिक राजनैतिक इच्छा शक्ति और प्रतिबद्धता का आह्वान
पटना/नई दिल्ली, 24 अगस्त, 2015: बिहार में राज्य स्वास्थ्य समिति से सफलतापूर्वक सहयोग के पश्चात अंतर्राष्ट्रीय चिकित्सकीय मानवतावादी संगठन डॉक्टर्स विदआउट बार्डर्स/मेडेसिंस संस फ्रंटियर्स (एम.एस.एफ.) ने अपने पोषण और काला आज़ार संबंधी प्रोग्राम राज्य सरकार को सौंप दिए हैं। जहां एम.एस.एफ. ने अपना पोषण कार्यक्रम पूरी तरह से दरभंगा मेडिकल कॉलेज व अस्पताल और राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहार को सौंप दिया है, वहीं यह वैशाली जिले में हाज़ीपुर सदर अस्पताल में आंशिक मौजूदगी बनाए रखकर एचआईवी-काला आज़ार सहसंक्रमित रोगियों के निदान और उपचार पर ध्यान केंद्रित रखेगा।
बिहार से कुपोषण व काला आज़ार के खात्मे के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता की सराहना करते हुए एम.एस.एफ. का मानना है कि ऐसी पूर्वसक्रियता, देश में सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र की प्रमुख चुनौतियों का सामना करने की दिशा में बेहतरीन उदाहरण दर्शाती है। एम.एस.एफ. के डिप्टी कंट्री डायरेक्टर डॉ. प्रिंस मैथ्यू ने इस संबंध में कहा कि, ”काला आज़ार खत्म करने के लिए हमारा सहयोग बेहतरीन रहा है और राजनैतिक इच्छाशक्ति और प्रतिबद्धता के बिना हम काला आज़ार के 12,000 से अधिक रोगियों का उपचार करते हुए राष्ट्रीय उपचार व्यवस्था पर असर नहीं डाल सकते थे। काला आज़ार के खात्मे की ठोस प्रतिबद्धता के साथ वर्तमान में गंभीर तीव्र कुपोषण की तरफ भी ध्यान देने की आवश्यकता है। केवल तभी एम.एस.एफ. की एम.आई.सी.यू. जैसी सुविधा से समाज को लाभ मिल सकता है। इस हस्तांतरण के साथ हमें उम्मीद है कि राज्य स्वास्थ्य समिति बिहार के कुपोषित बच्चों के लिए अपनी प्रतिबद्धता बरकरार रखेगी।”
सितम्बर, 2014 में भारत में काला आज़ार का लम्बा-चौड़ा इलाज लिपोसोमल एम्फोटेरिसिन बी (एल.ए.एम.बी.) की एकल खुराक में बदल गया। एम.एस.एफ.-उपेक्षित रोग कार्यक्रम हेतु औषधियां (डी.एन.डी.आई.) पायलट अध्ययन से महत्त्वपूर्ण सुरक्षा साक्ष्यों के पश्चात नीतिगत बदलाव किए गए। एकल खुराक एल.ए.एम.बी. में परिवर्तन ने राष्ट्रीय 2015 उन्मूलन लक्ष्य के अनुरूप काला आज़ार के उन्मूलन की दिशा में एक कीर्तिमान कायम किया। चूंकि राष्ट्रीय सरकार द्वारा नए उपलब्ध उपचार का क्रियान्वयन, नए उपचार प्रोटोकॉल के अंतर्गत है, इसलिए एम.एस.एफ. ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (एम.ओ.एच.एफ.डब्ल्यू.), राष्ट्रीय वाहक जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एन.वी.बी.डी.सी.पी.), और राजेन्द्र मेमोरियल अनुसंधान संस्थान (आर.एम.आर.आई.) का सहयोग करते हुए भारत में जोखिम ग्रस्त लोगों के स्वास्थ्य सुधार में योगदान किया है।
इसी प्रकार एम.एस.एफ. ने 2009 से दरभंगा जिले में काम करते हुए गंभीर तीव्र कुपोषण (एस.ए.एम.) से पीड़ित बच्चों को उपचार सुविधा उपलब्ध कराई है। राज्य स्वास्थ्य समिति के निकट सहयोग से एम.एस.एफ. ने दरभंगा के 11 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सकीय स्टाफ के साथ काम करके एस.ए.एम. बच्चों की निगरानी और उपचार निरंतरता बनाए रखी और जिले में अपने समुदाय आधारित उपचार कार्यक्रम के तहत 17,000 से अधिक एस.ए.एम. रोगियों को भर्ती कराया, जिनकी आयु छह माह से पांच वर्ष थी। भर्ती किए गए रोगियों में से लगभग 90 प्रतिशत बच्चे दो साल से छोटे थे, 87 प्रतिशत निर्धनतम तथा सर्वाधिक असुरक्षित जातियों वाले थे और 60 प्रतिशत से अधिक बच्चियां थीं। संगठन ने देश की पहली कुपोषण गहन देखभाल इकाई (एम.आई.सी.यू.), भी स्थापित की, जिसने दरभंगा जिले में कुपोषण दरें कम करने में उल्लेखनीय भूमिका निभाई।
भारत में 5 वर्ष से कम उम्र के अनुमानित 8.1 मिलियन एस.ए.एम. बच्चों (एन.एफ.एच.एस.-3) को दृष्टिगत रखते हुए, एम.एस.एफ. ने राज्य प्राधिकारियों से आह्वान किया है कि वे अधिक जिंदगियां बचाने और भारत में तीव्र कुपोषण का भार घटाने के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली में एकीकृत समुदाय-आधारित प्रबंधन प्रयासों को लागू और
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एम.एस.एफ. के विषय में
एम.एस.एफ. एक अंतर्राष्ट्रीय, स्वतंत्र, चिकित्सकीय मानवतावादी संगठन है जो लगभग 70 देशों में सशस्त्र संघर्षों, महामारियों, प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित और स्वास्थ्यसेवा से वंचित लोगों को आपातकालीन सहायता प्रदान करता है। लोगों को उनकी नस्ल, धर्म, लिंग या राजनैतिक सम्बद्धता से पृथक केवल ज़रूरत के आधार पर एम.एस.एफ. द्वारा सहायता दी जाती है।
एम.एस.एफ. ने 1996 में शांति, निरस्त्रीकरण तथा विकास हेतु इंदिरा गांधी पुरस्कार तथा 1999 में नोबेल शांति पुरस्कार प्राप्त किया।
भारत में एम.एस.एफ. के विषय में
एम.एस.एफ. भारत में 1999 से कार्यरत है, जो बिहार, मणिपुर, महाराष्ट्र, जम्मू व कश्मीर, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना राज्यों में निःशुल्क अनिवार्य स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराता है।
अधिक जानकारी के लिए, संपर्क करें:
पूज्या पास्कल, एडवोकेसी कोऑर्डिनेटर, एम.एस.एफ.
फोन: +91.99109 44506
ईमेल: msfe-delhi-comofficer@barcelona.msf.org
कृतिका कामथन, मेडिकल प्रेस ऑफिसर, एम.एस.एफ.
फोन: +91 7042727630
ईमेल: kritika.kamthan@new-delhi.msf.org
संलग्नः अंग्रेजी और हिन्दी में
· काला आज़ार, तथा वैशाली में एम.एस.एफ. की मुख्य उपलब्धियों के बारे में तथ्यपत्र
· गंभीर तीव्र कुपोषण, तथा दरभंगा में एम.एस.एफ. की मुख्य उपलब्धियों के बारे में तथ्यपत्र